Saturday, September 30, 2017

dard bhari shayari


दर्द भरी शायरी

मेरे चले जाने के बाद


मेरे चले जाने के बाद 
ये समुन्द्र भी तुझसे पूछेगा जरूर,
कहा गया वो मानुस
जो किनारे पे आके बस तुम्हारा ही नाम लिखा करता था

उदास हूँ मैं

उदास हूँ मगर "गुस्सा" तुम्हारे साथ नहीं,
तुम्हारे दिल में हूँ, मगर तुम्हारे साथ नहीं |
कहने को तो सब कुछ है मेरे पास,
बस तुम्हारे जैसा कोई खास नहीं



मुहब्बत-ए-मरीज 



किसी ने मुझसे पूछा इतना उम्दा लिखते हो,
शायर हो क्या ?
अब मैं किस अल्फ़ाज़ में कहु,
मुहब्बत-ए-मरीज हूँ |





                                (एक सोच)




0 comments:

Post a Comment