dard bhari shayari
१ ख्वाहिशो काफिले को उड़ान न दिया तो क्या दिया |
ख्वाहिशो के काफिले को उड़ान ना दिया तो क्या दिया
यूँ भटकते रहे रस्ते की तलाश में उमरभर
ऐसे जी भी लिया तो क्या जिया
dard bhari shayari
२ आशना होना ही था किसी तरह गम से। ..
आशना होना ही था किसी तरह गम से
तुम न होते तो किसी और से बिछड़ा होता
२ आशना होना ही था किसी तरह गम से। ..
dard bhari shayari
३ है दिल में जो दर्द उसे कैसे दिखाए ?
है दर्द जो दिल में उसे कैसे दिखाए ?
जो दिल पे नासूर बना हसता रहा ,
ऐसे किसको दिखाए ?
दुनिया समझती है हमें खुसनसीब। ..
क्योकि हम मुस्कुराते है
अब इस खुशनसीबी की दास्ताँ किसको और कैसे सुनाये ?
dard bhari shayari
४ गम-ये-उल्फत में हूँ मगर रोना कुछ और है
गम-ये-उल्फत में हूँ मगर रोन कुछ और है
रोज चलता चार कदम, मगर तुझे पाना कुछ और है
मैं थोड़ा थक गया हूँ इस दुनिया के झमेलों से। ...
मगर थकना कुछ, और हार जाना कुछ और है
गम-ये-उल्फत में हूँ मगर रोन कुछ और है
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