do line shayari
१ दिलकस यूँ ही नहीं मेरी आँखेंइसमें मेरे मेहबूब बसते है|
२ तू हर वक़्त कहती है जानती हूँ तुम्हे,
फिर मेरी तकलीफ तुम्हे महसूस कियु नहीं होती
३ एक दिन इश्क़ मेरा भी मुकम्मल होगा,
इसी उम्मीद में कभी राँझा भी ज़िंदा था
४ बिखरा पड़ा है हर तरफ लहू मेरे सपनो का
संभल के चलना कही तुम पे इलज़ाम ना आये
५ फिर वही रात, वाहि दर्द |
लगता है अभी बहुत गलतियों की सजा काटनी बाकि है|
६ भूलना या भूलना अपने बस में कहा है,
और बस में है जिनके उन्हें प्यार कहा है |
७ चोट लगना जरुरी था,
ज़ख्म जैसा कोई उस्ताद नहीं |
८ ज़िन्दगी है सो, गुजर रही है,
वरना हमें गुजरे तो जमाना हो गया
९ ये हवाओ में ही इतनीं उदासी है,
या फिर तुम शहर में आये हो |
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१० उम्मीद मत छोड़ना,
बुरा तेरा वक़्त है, तू नहीं |
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