Saturday, September 16, 2017

Result Day

////////////////////////////////////////////////////रिजल्ट दिवस////////////////////////////////////////////////////////////////
पिताजी  आज अपने ऑफिस देर से में पहुंचे ऑफिस पहुंचे ही थे कि स्कूल से फोन आया!
सुरीली आवाज में एक मैम बोली "महाशय!
आपका बेटा जो क्लास फाइव में है मैं उसकी कक्षाध्यापिका बोल रहीं हूँ।
आज पैरंट्स टीचर मीटिंग है।रिजल्ट कार्ड दिया जायेगा जाएगा। आप अपने बेटे को लेकर समयसे पहुंचें।
बेचारे पापा क्या करते। बात बेटे की रिजल्ट की थी तुरंत छुट्टी लेकर घर से बेटे को लेकर स्कूल पहुंच गए।
सामने साड़ी पहने साधारण लेकिन बेहद तेज मैम बैठी थी।
पिताजी  कुछ बोल पाते कि इससे पहले लगभग डांटते हुए बोलीं आप अभी रुकिए। आपकी अलग खबर ली जाएगी |
पिताजी  ने बेटे की तरफ देखा, और दोनों चुप बैठ गए। "मैम का पारा गरम लगता है" बेटे ने धीरे से कहा।तुम्हारा रिजल्ट कार्ड तो ठीक है"उसी तरह पिताजी  भी धीरे मरमराते सहुए बोले। "पता नहीं पिताजी , मैंने तो देखा नहीं।" बेटे ने अपना बचाव किया।"लगता है आज मेरी व् क्लास ली जाएगी।"
पिताजी  खुद को तैयार करते हुए बोले।वो दोनों बात कर ही रहे थे कि तभी मैम बोलीं - "हाँ!
अब आप दोनों भी आ जाइए देखिए!आपके बेटे की शिकायत तो बहुत है लेकिन पहले आप इसकी परीक्षा की कापियां और रिजल्ट कार्ड देखिए।
और आप ही बताइए इसको कैसे पढ़ाया जाये।
मैम ने सारांश में लगभग सारी बात कह दी मैम पहले अंग्रेजी  की कापी देखिए फेल है
आपका बेटा। पिताजी  ने एक नजर बेटे को देखा, जो डरा सा साथ बैठा था. फिर मुस्कुराते हुए बोले ।
इस उम्र में बच्चे अपनी ही भाषा नहीं समझ पाते विदेशी भाषा कहा से समझेंगे इतना मैम को चिढ़ने के लिए काफी था मैम- अच्छा!और ये देखिए! ये अपनी मात्र भाषा हिंदी में भी फेल है। क्यों? पिताजी  ने फिर बेटे की तरफ देखा.. मानो उसकी नजरें साॅरी बोल रहीं हों पापा - हिंदी एक कठिन भाषा है। ध्वनि आधारित है। इसको जैसा बोला जाता है, वैसा लिखा जाता है। अब आप के इंग्लिश स्कूल में कोई शुद्ध हींदी बोलने वाला नहीं होगा
पिताजी  की बात मैम बीच में काटते हुए बोलीं...
मैम - अच्छा... तो आप और बच्चों के बारे में क्या कहेंगे जो....इस बार पापा ने मैम की बात काट कर बोले..पापा - और बच्चे क्यों फेल हुए ये मैं नहीं बता सकता... मै तो....मैम चिढ़ते हुए बोली - "आप पूरी बात तो सुन लिया करो, मेरा मतलब था कि और बच्चे कैसे पास हो गये..." फेल नहीं"...अच्छा छोड़ो ये दूसरी कापी देखो आप। आज के बच्चेजब मोबाइल और लैपटॉप की रग रग से वाकिफ हैं तो आपका बच्चा कम्प्यूटर में कैसे फेल हो गया?....
पापा इस बार कापी को गौर से देखते हुए, गंभीरता से बोले - "ये कोई उम्र है कम्प्यूटर पढ़ने और मोबाइल चलाने की। अभी तो बच्चों को फील्ड में खेलना चाहिए।... मैम का पारा अब सातवें आसमान पर था...
वो कापियां समेटते हुए बोली-" सांइस की कापी दिखाने से तो कोई फायदा है नहीं। क्योंकि मैं भी जानती हूँ कि अल्बर्ट आइंस्टीन बचपन में फेल होते थे।"... पिताजी  चुपचाप थे...मैम ने फिर शिकायत आगे बढ़ाई - "ये क्लास में डिस्पलिन में नहीं रहता बात करता है, शोर करता है, इधर-उधर घूमता है।
पिताजी  ने मैम को बीच में रोक कर, खोजती हुई निगाह से बोले...
पिताजी  - वो सब छोड़िए! आप कुछ भूल रहीं हैं। इसमें गणित की कापी कहां है। उसका रिजल्ट तो बताइए।
मैंम-(मुंह फेरते हुए) हां, उसे दिखाने की जरूरत नहीं है।
पिताजी  - फिर भी, जब सारी कापियां दिखा दी तो वही क्यों बाकी रहे।
मैम ने इस बार बेटे की तरफ देखा और अनमने मन से गणित की कापी निकाल कर दे दी।.... गणित का नम्बर, और विषयों से अलग था.... 100%.....मैम अब भी मुंह फेरे बैठी थीं, लेकिन पिताजी  पूरे जोश में थे।
पिताजी  - हाँ तो मैंम, मेरे बेटे को इंग्लिश कौन पढ़ाता है?
:मैम- (धीरे से) मैं!
:पिताजी  - और हिंदी कौन पढ़ाता है?
:मैम- "मै"
:पिताजी  - और कम्प्यूटर कौन पढ़ाता है?
:मैम- वो भी "मैं"
:पिताजी  - अब ये भी बता दीजिए कि गणित कौन पढ़ाता है?
:मैम कुछ बोल पाती, पिताजी  उससे पहले ही जवाब देकर खड़े हो गए.
पिताजी  - "मैं"...
:मैम - (झेंपते हुए) हां पता है।
:पापा- तो अच्छा टीचर कौन है????? दुबारा मुझसे मेरे बेटे की शिकायत मत करना। बच्चा है। थोड़ी शरारत तो करेगा ही।
:मैम तिलमिला कर खड़ी होती हुयी जोर से बोलीं-"""मिलना तुम दोनों आज घर पर, दोनों बाप बेटे की अच्छे से खबर ली जाएगी   "

यह लेख किसी और ने लिखी है |  
   (एक सोच)

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