Sunday, September 24, 2017

dard bhari shayari

dard bhari shayari
जीना क्या ?



 तुम्हारे  बिना अब जीना क्या

मंजिल कैसी और सफीना क्या

गुजरी जिंदगी बरसात में 
  
तीर के लिए दिल या सीना क्या
आदत थी पत्थर तराशने की

    मिलेगा अब कोई नगीना क्या

 तकदीर के भी खेल निराली
छीना भी तो छीना क्या

     तुम्हारे बिना अब इस दुनिया में

  रहना क्या और जीना क्या



dard bhari shayari
मेरे मेहबूब | 

 मेरे महबूब को कोई मुझसे खफा ना करे।
जब तक रहूँ जमी पे कोई उनसे जुदा ना करे।

अगर बिछड़ भी जाऊँ उनसे मैं किसी मोड़ पे

तो फिर कोई मेरी लंबी उम्र की दुआ ना कर



dard bhari shayari
ये ज़िन्दगी |
 

दूबारा लिखेंगे जिंदगी तुम्हे लेकर।।

  ये तेरे मेरे फासले अब रास नही आते।


dard bhari shayari
मोहब्बत | 

   इस नाजुक दिल में किसी के लिए इतनी मोहब्बतआज भी है

    की जब तक आँखें ना भीग जाये नींद नहीं आती |


dard bhari shayari
तेरे बिन | 

 कैसे दूर कर लू तुझसे खुद को
बेसब्र यादें दूर होने नहीं देती
साथ हो या न हों तू
महसूस साथ ही होता हैं

 उस पल का क्या करुँ
 तू बेखयाल होता ही नहीं कभी .
 यूँ तो आदत सी हो गई है अपने
आसपास तुझे देखने की तेरे बिन
अब जिन्दगी गंवारा भी तो नहीं ..

       


                  (एक सोच )
.

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