Thursday, September 21, 2017

dard bhari shayri

dard bhari shayari
दर्द शायरी 

     हो गई है जिन्दगी बेवफ़ा आजकल !!

कोई कितनी भी पिला लो मगर    

होता नहीं है मुझे नशा आजकल !!


dard bhari shayari
संगदिल भी रोते हैं

जब भी कहते हो आप हमसे की अब चलते है 
हमारी आँखों से आँशु नहीं सँभलते है |
अब ना कहना की संगदिल कभी नहीं रोते,
जितनी दरिया है सब पहाड़ो से निकलती है


dard bhari shayari
तड़पोगे तुम भी हर दिन

तड़पोगे तुम भी हर दिन,
ये सोच कर ||
था कोई जिद्दी चाहने वाला,
कहा चला गया अपनी जिद्द छोड़ कर 

dard bhari shayari
तुम मेरे खास हो


 हर एक रात की अंधकार के साथ  शुबह किरण  हो तुम | | 
मेरे इस आशावादी हृदय की आश हो तुम।

 इसलिए तो तुम मेरे खास हो | 
भटक रहा था मैं अकेले अकेले तुम बिन
 जब तुम आये मुझे मेरी आँशु भी प्यारी लगने लगी 
मेरी मुस्कान का एकमात्र कारण हो.....

इसलिए तो तुम मेरे खास हो | 





(एक सोच )


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