Friday, September 29, 2017

Dard Bhari shayari


Dard bhari shayari


१ गहरी है रात लेकीन हम खोए नही।
दर्द बहुत है दिल मे पर हम रोए नही।
कोई नही हमारा जो पुछे हमसे।
जाग रहे हो किसी के के लिए ।
या किसी के लिए सोए नही



dard bhari shayari



२ हॅसने के लिए मुँह खोला,
गम ने हसने न दिया |
रोने के लिए आँखें टटोला,
ज़माने ने रोने न दिया |


Dard bhari shayari


३ इस ज़िन्दगी का फलसफा तो देखो यारो,
उलझन है तभी तो सुलझन है,
और बिखरन है  निखरन  है|



Dard bhari shayari


४ इतना न निखारो ये मेरे यारो,
की अपनों से दूर हो जाओ
और इतना न बिखरो की मंजिल से ढेर हो जाओ |



Dard bhari shayari


५ हमारी तो फितरत है मुस्कुराना,
अये, "ज़िन्दगी"
है दम तो इस फितरत के गुरुर को तोड़ के दिखा |




                               (एक सोच)

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