Monday, September 25, 2017

dard bhari shayari

dard bhari shayari
 १ खामोशी 

ख़ामोशी बेवजह नहीं होती साहेब
कुछ हादसे ऐसे भी होते है
जो  जमीर तक को सुला देती है

dard bhari shayari

२ वीरान गालिया मेरा ठिकाना 

पहचान क्या बताऊ तुम्हे मेरे ठिकाने का,
जहा की गालिया वीरान लगे वही चले आना


dard bhari shayari

३ समझदारी 

हमारी दिली  ख्वाहिश है की हम मासूम बने रहे
कम्बख्त ये ज़िन्दगी हमें समझदार किये जा रही है



                                                           (एक सोच)

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