dard bhari shayari
१ खामोशी
ख़ामोशी बेवजह नहीं होती साहेब
कुछ हादसे ऐसे भी होते है
जो जमीर तक को सुला देती है
dard bhari shayari
२ वीरान गालिया मेरा ठिकाना
पहचान क्या बताऊ तुम्हे मेरे ठिकाने का,
जहा की गालिया वीरान लगे वही चले आना
dard bhari shayari
३ समझदारी
हमारी दिली ख्वाहिश है की हम मासूम बने रहे
कम्बख्त ये ज़िन्दगी हमें समझदार किये जा रही है
(एक सोच)
Jhakas Bhaii...!!
ReplyDeleteAwesome shayris
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